🌹 *जय जगदम्बे* 🌹
मिट्टी का तन हुआ पवित्र , गंगा के स्नान से !
अंत: करण हो जाये पवित्र जगदम्बे के ध्यान से !!
*सर्व मंगल मांगल्यै शिवे सर्वार्थ साधिके !*
*शरण्यै त्रयंबिके गौरी नारायणी नमस्तुते !!*
शक्ति दो मुझे करू तुम्हारा ध्यान माँ !
पाठ निर्भिग्न हो तेरा मैया मेरा हो कल्याण माँ !!
ह्रदय सिंहासन पर आ बैठो मेरी मात !
सुनो विनय मॉ दीन की जग जननी वरदान !!
सुंदर दीपक घी भरा करू आज तैयार !
ज्ञान उजाला माँ करो मेटो माँ अंधकार !!
चंद्र सूरज की रोशनी चमके माँ अखण्ड !
सबमें व्यापक तेज है ज्वाला का प्रचण्ड !!
ज्वाला जगजननी मातेश्वरी रक्षा करो हमेश !
दूर करो माँ अम्बिके मेरे सभी क्लेश !!
श्रद्दा और विश्वास से तेरी ज्योति अखण्ड जलाऊं !
तेरा ही है आसरा तेरे ही गुण गाऊँ !!
तेरी अद्भुत गाथा को पढूं में निश्चय धार !
साक्षात दर्शन करू तेरे जगत अधार !!
पाठ करते समय , समय जो अवगुण होए !
दाती अपनी दया से ध्यान न देना मोय !!
में अज्ञान मलीन मनिन न जानू कोई रीत !
अटपट वाणी को ही माँ समझो मेरी प्रीत !!
इस दास के मैया अवगुण बहुत है करना नही ध्यान !
सिंह वाहिनी अम्बिके करो मेरा कल्याण !!
धन्य धन्य माँ अम्बिके शक्ति शिवा विशाल !
अंग अंग में रम रही दाती दीन दयाल !!
भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम !
अम्बे कर दो जिसपे हो जाओ मेहरबान तुम !!
माँ काली काल के पंजे से तुम्ही बचाना आन कर !
गौरी गोदी में बिठाना अपना बालक जान कर !!
चिंतपुणी चिंता मेरी दूर तुम करती रहो !
लक्ष्मी लाखो भण्डारे मेरे तुम भरती रहो !!
नैना देवी नैनो की शक्ति को देना तुम बडा !
वैष्णो माँ विषय विकारों से देना तुम बचा !!
मंगला मंगल सदा करना भवन दरबार में !
चण्डिका चढती रहे मेरी कला सदा संसार में !!
भद्रकाली भद्र पुरूषो से मिलाना तुम सदा !
ज्वाला ईर्षा वस ये मिटाना तुम कर कृपा !!
चामुण्डा माँ अपनी मुझपे सदा दया दृष्टि करो !
माता मात इज्जत व सुख सम्पत्ति से भण्डार भरो !!
*!! ॐ दुं दुर्गायै नमः !!*
🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻